धार्मिक कथाओं के अनुसार माता सीता रावण की लंका में 435 दिनों तक रही थीं।

Facts About Goddess Sita - Latestly

वाल्मीकि रामायण के अनुसार सीता के हरण के पश्चात देव इंद्र ने ऐसी खीर बनाकर माता सीता को खिलाई। जिससे खाने से भूख-प्‍यास नहीं लगती थी।

रावन ने जिस सीता का हरण किया था वो माता सीता नहीं बल्कि उनकी परछाई थी सीता अग्नि में सामगी थी अग्नि परीक्छा में बहार आई थी

गृत्समद नाम के ऋषि देवी लक्ष्मी को पुत्री रूप में पाने के लिए हर दिन मंत्रोच्चार के साथ कुश के अग्र भाग से एक कलश में दूध की बूंदे डालते थे।

 एक दिन जब ऋषि आश्रम में नहीं थे तब रावण वहां आ पहुंचा और वहां मौजूद ऋषियों को मारकर उनका रक्त कलश में भर लिया।

वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी।

वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी।

ऋषि अत्रि की पत्नी माता अनुसूया ने माता भगवन राम लक्छ्मनऔर माता सीता को कपडे भेंट स्वरूप दीये । जो कभी मेले व अपवित्र नही होते थे

भगवान राम के द्वारा त्याग किये जाने के बाद माता सीता इसी जगह वाल्मिकि आश्रम में रहती थीं। यहीं पर लव-कुश को जन्म हुआ था।

धार्मिक कथाओं के अनुसार माता सीता विवाह के बाद अपने मायके नहीं गईं। विवाह के कुछ समय बाद ही माता सीता और भगवान राम, लक्ष्मण जी के साथ वनवास पर चले गए लंका में माता सीता की प्रतिछाया थी थे।

वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण ने सीता का हरण अपने रथ से किया था। रावण का यह दिव्य रथ सोने का बना था।