राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार द्वारा असहाय और गरीबों को उठाने की कई योजनाएं चल रही है किंतु असली हकदार को नहीं मिल पा रहा इसका फायदा
श्री राम दूत: वास्तविकता की एक रिपोर्ट द्वारा एच एल विश्वकर्मा रीवा मध्य प्रदेश: हम पब्लिक पॉपुलर खबर हर जगह सुनते हैं अखबारों में और न्यूज़ चैनलों में देखते भी हैं, पढ़ते सुनते हैं किंतु कुछ ऐसी खबरें भी है जो कि आज इन राजनीतिक न्यूज़ और उनकी चलती रैलियों को देखे तो सिर्फ और सिर्फ आगामी चुनाव को लेकर सत्ते की लड़ाइयां नजर आती है सारे विपक्षी दल के नेता वर्तमान सत्ता पार्टी की टांग खींचने में लगे हैं और वर्तमान सत्ता पार्टी भी आम जनता के लिए ऑफर में ऑफर दिए जा रही है चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्रीय सरकार आपको बता दें कि माह दिसंबर 2022 को गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वालों को जो प्रति व्यक्ति 5 किलो का अनाज गल्ला रुपए 5 लेकर प्रदान किया जाता था इसके अलावा प्रति व्यक्ति 5 किलो गल्ला फ्री में दिया जाता था, माह जनवरी 2023 से 5 किलो गला बंद कर दिया गया, फिर अभी माह फरवरी में आगामी चुनावी माहौल को लेकर फिर से फ्री गल्ला मिलेगा ऐसा समाचारों में प्रकाशित हो रहा है। मध्यप्रदेश में लाडली बेटी, लाडली बेटी-दो योजना जारी थी मगर अब नया ऐलान न्यूज़ चैनलों में सुनाई दे रहा है की लाडली बहन योजना भी शुरू की जाएगी और डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस के दामों में काफी गिरावट हुई, पर असल में देखे तो ऐसा कुछ साफ-साफ दिखाई नहीं दे रहा, सारे न्यूज़ चैनलों खबरों में यह सारी खबर छप रही है और दिखाई जा रही है किंतु वास्तविकता कुछ और है। वास्तव में जो गरीब है उसे सरकारी योजनाओं का फायदा मिलना चाहिए उन्हें नहीं मिलता, लोग स्कूटी और कार लेकर आते हैं गरीबी रेखा के नीचे मिलने वाला सरकारी कोटे का राशन लेने और जो वास्तव में गरीब है उसे कोई नहीं पूछता, यहां तक की उसे असहाय जानकर उसके आसपास के लोग उसकी जमीन तक अपने कब्जे में और अपने पट्टे में कर लेते हैं ऐसे में अब वह गरीब और असहाय कहां जाए, क्या करें? सरकार योजनाएं तो बहुत सारी चला रही है किंतु उसका फायदा अब भी पूरी तरह वास्तविक हकदार को नहीं मिलता|
सन 2011 में हुई मतगणना के अनुसार जो लोग पात्र पाए गए थे सिर्फ उन्हें ही सरकारी गल्ला और सरकार की चलाई गई आयुष्मान योजना के तहत 500000 का स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होता है। सन 2011 के बाद से आज तक दोबारा जनगणना नहीं की गई जिसकी वजह से कई लोग जो कि सरकारी लाभ पाने के पात्र नहीं थे वह पात्र बने हुए हैं और जो पात्र थे वह अपात्र।
*गरीबों के लिए सरकारी योजना की सूची*
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री मनरेगा योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
अंत्योदय अन्न योजना
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना
अभी हाल ही में बिजनेस के विश्वव्यापी एंपायर को खड़ा करने वाले गौतम अडानी जी जो कि ना सिर्फ अपने देश बल्कि विश्व के धनी व्यक्तियों की श्रेणी में दूसरे पायदान पर थे किंतु चंद दिनों में ही वे दूसरे से 21वें पायदान पर पहुंच गए। सोचने वाली बात है की चंद दिनों में ही आर्थिक स्थितियों में इतना बदलाव हो जाता है तो वर्ष 2011 की जनगणना के बाद से अब तक कितने लोगों की आर्थिक स्थितियों में बदलाव आया होगा।
इसी बीच करोना कॉल आपदा ने भी कई लोगो की नौकरी छीन ली, कई लोग जोकि प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करते थे यहां तक की मध्यमवर्ग श्रेणियों में गिने जाते थे और सरकार को अपनी इनकम का टैक्स भी जमा करते थे किंतु ऐसे कई व्यक्ति हैं जिनकी नौकरी करोना के चलते छूट गई और वे लोग अब बेरोजगार है उनकी आमदनी कुछ भी नहीं किंतु सरकार 2011 में हुई जनगणना के आधार पर उनको अभी भी क्रीमी लेयर संपन्न वर्ग में मानती है और ऐसे लोग अभी सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं से वंचित है। हमारी सरकार को चाहिए की जल्द से जल्द पुनर जनगणना करवाएं और सरकारी योजनाओं का फायदा जरूरतमंदों तक पहुंचाएं।
-एच एल विश्वकर्मा
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