Sakat Chauth 2023:- संकट चौथ का त्योहार भी माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन संकट हरण गणपति गणेश जी का पूजन होता है। यह व्रत संकटों तथा दुखों को दूर करने वाला है। इतना ही नहीं, प्राणिमात्र की सभी इच्छाएं इस व्रत को करने से पूर्ण हो जाती हैंआइये जानते हें Sakat Chauth व्रत विधि
इस दिन पुत्रवती स्त्रियां दिनभर निर्जल रहकर शाम को फलाहार करती हैं तथा सकट माता पर पूरी पकवान चढ़ाती है एवं कथा सुनती हैं। इस दिन तिल को भूनकर गुड़े के साथ कूटा जाता है। इससे तिलकुट का पहाड़ बनाया जाता है। कहीं- कहीं तिलकुट का बकरा बनाकर उसकी पूजा करके घर का कोई बालक उसकी चाकू से गरदन काटता है।
कथा : किसी नगर में एक कुम्हार रहता था। एक बार जब उसने बरतन पकाने के लिए ‘आवा’ लगाया तो आया में वरतन नहीं पके कुम्हार ने राजा से इसकी फरियाद की। राजा ने पंडित को बुलाकर कारण पूछा तो पंडित जी ने कहा कि हर बार आवा लगाते समय बच्चे की बलि देने से आवा पक जाया करेगा।
राजा का आदेश निकल गया। बलि आरंभ हो गई। एक बार सकट के दिन एक बुढ़िया के एकमात्र बालक की बारी आई। बुड़िया ने लड़के को सकट की सुपारी तथा दूब का बीड़ा देकर कहा- भगवान का नाम लेकर आवा में बैठ जाना। सकट माता तुम्हारी रक्षा करेगी। बालक भगवान का नाम लेकर आवा में बैठ गया।
बुढ़िया सकट माता के सामने बैठकर पूजा करने लगी। पहले तो आवा पकने में कई दिन लगते थे किंतु अबकी बार एक दिन में हो आवा पक गया। बुढ़िया का बेटा भी आवे मैं से सुरिक्षत निकल आया। उस दिन नगरवासियों ने सकट की महिमा स्वीकार की। सकट की कृपा से अन्य बालक भी जीवित हो गए।