Radha Ashtami 2020 :- भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कृष्ण प्रिया रूप राधा ( Radha ) जी का जन्म हुआ था। इसलिए यह दिन राधाष्टमी ( Radha Ashtami ) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रती रहकर राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। पहले राधा जी को पंचामृत से स्नान कराकर दीप, फूल आदि उसका श्रृंगार करें, फिर भोग लगावें तथा धूप, से आरती उतारें। इस प्रकार भर्ती रहने एवं पूजा करने से मनुष्य सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है तथा उसका परलो भी सुधर जाता है।
आरती श्री राधा जी की
आरती राधा जी की कीजै । टेक
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करें जिन पर विश्वासा ।
आरती वृषभानु लली की कीजै ।
कृष्ण चंद्र की करी सहाई मुंह में आनि रूप दिखाई।
उस शक्ति की आरती कीजै।
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, जमुना तट पर रास रचाई।
आरती रास रचाई की कीजै। आरती….
प्रेम राह जिसने बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।
आरती राधा जी की कीजै। आरती….
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।
आरती दुख हरणी जी की कीजै। आरती…
कृष्णचंद्र ने प्रेम बढ़ाया, विपिन बीच में रास रचाया।
आरती कृष्ण प्रिया की कीजै। आरती..
दुनिया की जो जननि कहावे, निज पुत्रों को धीर बंधावे।
आरती जगत मात की कीजै। आरती…
निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे। आरती विश्वमात की कीजै। आरती..
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