Lohri 2023: Is Lohri on January 13 or 14 ? | इस साल कब मनाई जाएगी लोहड़ी ? जानें सही तिथि और इससे जुड़ी खास बातें

 हमारे देश में अनेक मनाए जाते है  त्यौहार प्रकृति में होने वाले परिवर्तन के साथ- साथ ही मनाये जाते हैं जैसे की मन जाता है की लोहड़ी में इस दिन वर्ष की सबसे लम्बी अंतिम रात होती हैं इसके अगले दिन से धीरे-धीरे दिन बढ़ने लगते है. और  साथ ही इस समय किसानों के लिए भी उल्लास का समय होता हैं. खेतों में अनाज की फासले लहलहाने लगती हैं और मोसम सुहाना लगने लगता हैं, जिसे मिल जुलकर अपने परिवार और दोस्तों के साथ उल्लास से मनाया जाता हैं. इस तरह आपसी एकता बढ़ाने सुनहरा अफसर भी होता है इस त्यौहार का उद्देश्य एकता हैं.

लोहड़ी पौष माह की अंतिम रात को और मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जाने बाला त्यौहार हैं यह प्रति वर्ष मनाया जाता हैं. इस साल 2023 में यह त्यौहार 14 जनवरी को मानाया जायेगा. त्यौहार भारत देश के पंजाबियों की शान हैं. हर एक प्रान्त के अपने कुछ विशेष त्यौहार होते हैं. इन में से एक लोहड़ी भी है . लोहड़ी पंजाब प्रान्त के मुख्य त्यौहारों में से एक मन जाता हैं जिसे पंजाबी बड़े धूम – धाम से मनाते हैं. 

लोहड़ी की धूम कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं. इस समय देश के हर हिस्से में अलग- अलग नाम से त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे मध्य भारत में मकर संक्रांति , दक्षिण भारत में पोंगल का त्यौहार  और काईट फेस्टिवल भी देश के कई हिस्सों में मनाया जाता हैं. मुख्यतः यह सभी त्यौहार परिवार जनों के साथ मिल जुलकर मनाये जाते हैं, जो आपसी रंजिसे को खत्म करते हैं.

क्यों खास है लोहरी पर्व How we Celebrate Lohri :-

पंजाबियों के कुछ विशेष त्यौहार होते हैं जिनमे से एक लोहड़ी भी है जिसे वे बड़े ही धूम – धाम से मनाते हैं. व नाच, गाना और ढोल तो पंजाबियों की शान होती हैं और इसके बिना इनके त्यौहार अधूरे मने जाते हैं.

पंजाबी लोहड़ी गीत ( punjabi lohri songs ) :-

लोहड़ी आने के कई दिनों पहले से ही युवा एवम बच्चे लोहड़ी के गीत गाने लगते हैं. पन्द्रह दिनों पहले यह गीत गाना शुरू कर दिया जाता हैं जिन्हें घर-घर जाकर गया जाता हैं. इन गीतों में वीर शहीदों को याद किया जाता हैं जिनमे दुल्ला भट्टी के नाम विशेष रूप से लिया जाता हैं

लोहड़ी खेती खलियानो का महत्व ( Importance of Lohri farming barns ) :-

लोहड़ी में रबी की फसले कट कर घरों में आती हैं और उसका जश्न मनाया जाता हैं. किसानों का जीवन इन्ही फसलो के उत्पादन पर निर्भर होता  हैं और जब किसी मौसम की फसले घर में लाई जाती हैं और अत्यंत हर्षोल्लास से उत्सव मनाया जाता हैं. लोहड़ी में खासतौर पर इन दिनों गन्ने की फसल बोई जाती हैं और पुरानी फसले काटी जाती हैं. इन दिनों मुली की फसल भी आती हैं और खेतो में सरसों भी आती हैं. यह ठण्ड की बिदाई का प्रमुख त्यौहार माना जाता हैं.

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