Gond society : 1400 साल पुराना है गोंड समाज का इतिहास

श्रीराम दूत/ भोपाल : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहू लाल सिंह ने कहा है कि जो समाज जितना अधिक संगठित होता है वह उतना ही अधिक मजबूत और विकसित होता है। यह सुनिश्चित है कि एक दिन गोंड समाज (Gond society) अपनी पुरानी प्रतिष्ठा और सम्मान को पुनः प्राप्त करेगा। खाद्य मंत्री श्री सिंह कोलार स्थित गोलगांव में गोंड समाज महासभा की भोपाल इकाई के परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

गोंड समाज महासभा के परिचय सम्मेलन में खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहू लाल सिंह

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि भारत वर्ष में (History of Gond society) गोंड समाज का इतिहास 1400 साल पुराना है। भारत से लेकर हिंद महासागर होते हुए ऑस्ट्रेलिया तक आज भी गोंडवाना लैंड के नाम से जाना जाता है ।कार्यक्रम की शुरुआत समाज के पारंपरिक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य से हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक श्री रामेश्वर शर्मा एवं जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दमोह श्री तिरुमाला प्रकाश सिंह उइके उपस्थित थे। मंत्री श्री सिंह ने समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं एवं समाज के लिए कार्य करने वाले युवाओं को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

History of Gond society : रानी कमलापति गोंड इतिहास की पहचान

मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि गोंड राजाओं ने भारत के इतिहास में कई साल शासन किया। इनमें से एक भोपाल की रानी रानी कमलापति थी। उन्होंने कहा कि भोपाल से उड़ीसा, ओरछा से चंद्रपुर, मदन महल, बाड़ी और रामनगर तक गोंड राजाओं के शासनकाल का उल्लेख मिलता है।

साइंस फेस्टिवल में जनजातीय विद्यार्थियों ने जीता साइंस क्विज

जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (गुरुकुलम्), बावड़ियाकलाँ के जनजातीय विद्यार्थियों ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2022 में साइंस क्विज जीता। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में 24 जनवरी तक होने वाले इस फेस्टिवल में नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा साइंस क्विज का आयोजन किया गया।

विद्यार्थियों ने जनजातीय कार्य विभाग के स्टॉल में अपने बनाए साइंस मॉडल भी देशभर से आए विज्ञान-विशेषज्ञों और आगंतुकों को प्रदर्शित किए। साथ ही विद्यार्थियों ने अन्य संस्थानों द्वारा लगाई प्रदर्शनी देखी एवं शैक्षणिक गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। गौरतलब है कि जनजातीय कार्य विभाग की मध्यप्रदेश स्पेशल एंड रेसीडेंशियल एकेडमिक सोसायटी (एमपी-सरस) द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को दर्शाती हुई प्रदर्शनी लगाई है। शिक्षा के क्षेत्र में विभाग की अभूतपूर्व और महत्वाकांक्षी ‘सीएम राइज स्कूल’ योजना को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है।

इसमें प्रदेश के जनजातीय जिलों में निर्मित होने वाले विभागीय 95 सीएम राइज स्कूल के चुनिंदा कॉन्सेप्ट प्लान, बिल्डिंग का एरियर व्यू, प्री-नर्सरी एवं सीनियर क्लॉस रूम और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की पैनल प्रदर्शनी लगाई गई है। साथ ही विभाग के अधीन आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा प्रकाशित शोध पुस्तकें, फोटो संग्रह और कॉफी टेबल बुक्स की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। विभाग की छात्रवृत्ति, नि:शुल्क कोचिंग, रोजगार कौशल, छात्रावास एवं आश्रम और विशिष्ट आवासीय विद्यालयों से संबंधित योजनाओं को भी प्रदर्शित किया गया है।

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