Friday, March 24, 2023

Badrinath Dham Yatra : श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का हुआ ऐलान

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Badrinath Dham Yatra 2023 : श्री बदरीनाथ धाम हमारे देश के उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, श्री बदरीनाथ धाम आश्रम हिमालय की गोद में अलकनंदा नदी के मनोरम तट पर बसा हुआ है, यहा पर भगवान विष्णु के एक रूप श्री बद्रीनारायण की पूजा की जाती है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे

टिहरी के नरेंद्र नगर स्थित राजदरबार में आयोजित धार्मिक समारोह में बसंत पंचमी के दिन श्री बदरीनाथ धाम के कपाट को खोले जाने को लेकर यह निर्णय लिया गया की 27 अप्रैल 2023 को श्री Badrinath Dham के कपाट खोले जायंगे एवं गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 12 अप्रैल को निकाली जाएगी ।

समारोह में नरेंद्र नगर की रानी राजलक्ष्मी, बद्री- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद और उनियाल समेत काफी लोग मौजूद थे । इन सबकी मौजूदगी में बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया एवं इसके साथ ही (Badrinath Dham Yatra 2023) बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख की घोषणा भी की गई. पुरोहितों ने नक्षत्रों की गणना के बाद 27 अप्रैल 2023 को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर कपाट खोलने का ऐलान किया। जिसका समारोह में आए सभी लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन कर दिया । बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख का ऐलान हो गया है । अब बाकी 3 धामों के बारे में अगले कुछ दिनों में घोषणा होगी ।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के भूधसाव मामले से चारधाम यात्रा पर किसी भी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा । सरकार यात्रियों की सुविधा के लिए अपनी ओर से तमाम इंतजाम करेगी ।

12 अप्रैल को निकाली जाएगी गाड़ू घड़ा यात्रा

बदरी केदार समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि कपाट खुलने से पहले 12 अप्रैल 2023 को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकाली जाएगी. इस यात्रा के 15 दिनों बाद बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. केदारनाथ धाम, यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की तारीख भी जल्द तय होगी.

बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन करने का समय:

भगवान विष्णु का यह मंदिर सप्ताह के सातों दिनों तक खुला रहता है, जिसमें दर्शन करने का समय नियमित रूप से सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक रहता है।

बद्रीनाथ मंदिर इतिहास

उत्तराखंड की इस धरती को भारतीय संतों और महात्माओं ने देवताओं और प्रकृति का मिलन स्थान माना है । लेकिन जिस समय बौद्ध धर्म की स्थापना हुई तो उस समय चीन ने भारत पर आक्रमण किया था । चीन ने अपनी कायरता का उस समय परिचय दिया था।

चीनी सेना ने बद्रीनाथ मंदिर को अष्ट-भ्रष्ट कर दिया और मंदिर में स्थापित मूर्ति को वहां पर स्थित नारद कुंड में फेक दिया था ।

आदि गुरु शंकराचार्य जी ने हिंदू धर्म के पुनरुत्थान के क्रम में उस प्रतिमा को गरुड़ गुफा में स्थापित कर दिया । फिर चंद्रवंशी गढ़वाल नरेश ने वर्तमान में स्थापित मंदिर का निर्माण करवाया तथा इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने इस मंदिर के शीर्ष पर सोने के तीन कलश भी लगवाय । तभी से यह मंदिर उत्तराखंड के एक तीर्थ स्थल के रूप में उभर आया । बद्रीनाथ मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु के एक रूप बद्रीनारायण की प्रतिमा को सिर्फ भारत का दक्षिणतम राज्य केरल के नपुंदरी पाद ब्राम्हण ही छू सकते हैं।

बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन करने का समय क्या है ?

यह मंदिर सप्ताह के सातों दिनों तक खुला रहता है, जिसमें दर्शन करने का समय नियमित रूप से सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक रहता है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट कब खुलेंगे ?

27 अप्रैल 2023 को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मंदिर के कपाट खोले जायगे

गाड़ू घड़ा यात्रा कब निकाली जाएगी ?

पाट खुलने से पहले 12 अप्रैल 2023 को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकाली जाएगी

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