21 सितम्बर से प्रारम्भ होंगे 3 दिवसीय समाराधना कार्यक्रम
अपने जीवन के 100वे वर्ष में प्रवेश करते हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ब्रम्हलीन होने से पूर्व ही अपनी वसीयत लिख दी थी। पूज्य गुरूजी ने अपने तीन दशकों से सक्रिय दो ही सन्यासियों स्वामी सदानंद जी सरस्वती महाराज को द्वारका शारदा पीठ एवं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को दी जाएगी। पूज्य गुरूजी ने उत्तराधिकारी घोषित कर अपनी वासियत लिख दी थी।
ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के निजी सचिव ब्रहमचारी श्री सुबुद्धानन्द महाराज ने बताया कि पूज्य महाराजश्री जी ने उन्हें यह दायित्व सौपा था कि उनके उत्तराधिकारों की घोषणा उनकी वसीयत के अनुसार वे ही करेंगे।
महाराज श्री की समाधि के समक्ष ही ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानन्द महाराज द्वारा द्वारका शारदा पीठ पर स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज एवं ज्योतिष पीठ पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के नामों की घोषणा कर अभिषेक तिलक कर दिया था।
आगामी 23 सितंबर को आयोजित होने जा रही श्रद्धांजलि सभा के वृहद कार्यक्रम में परमहंसी गंगा आश्रम में महाराज श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद महाराज श्री की वसीयत का वाचन उनके निजी सचिव ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानन्द महाराज के द्वारा किया जाएगा। उसी सभा में दोनों पीठों के आचार्यों के पट्टा अभिषेक महोत्सव की तिथि की भी घोषणा कर दी जाएगी।
150 रसोइये, 50 हजार लोगों का भोजन
परमहंसी गंगा आश्रम में तीन दिवसीय समाराधना कार्यक्रम आयोजित होंगे। 27 सितंबर को यति पार्वड़े तथा 22 सितंबर को नारायण बलि और आराधना संपन्न होगी। 23 सितंबर को भंडारा एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा।
23 सितंबर को नरसिंहपुर जिले तथा अन्य समीपी जिलों से शंकराचार्य जी के भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन होगा जिसमें 50 हजार से अधिक लोगों को भोजन कराए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस भोजन व्यवस्था के लिए वाटरप्रूफ पंडाल भी निर्मित हो रहा है। भंडारे में बनने वाले भोजन को तैयार करने के लिए कोलकाता एवं वाराणसी से 150 से अधिक रसोइए परमहंसी गंगा आश्रम पहुँच रहे हैं।
वहीं इस तीन दिवसीय आयोजन में सम्मिलित होने के लिए देश भर से शंकराचार्य जी के आश्रमों से जुड़े संतगण तथा अन्य भक्तजन भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस तीन दिवसीय आयोजन में तैयारियां भव्य स्तर पर चल रही हैं।
मुख्य सभा का आयोजन मेला मैदान में होगा। समाराधना कार्यक्रम के अध्यक्ष ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानन्द महाराज हैं, कार्यक्रम के संरक्षक द्वारका शारदा पीठ के शंकरचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती महाराज है वहीं कार्यक्रम के संयोजक ज्योतिष पीठ के शंकरचार्य स्वामी श्री अवि मुक्तेश्वरानंद महाराज है।