सुप्रभात ज्ञान की बातें | Good Morning Motivation SMS in Hindi


Good Morning सुप्रभात ज्ञान की बातें :- सुप्रभात भारत हमारा भारत ज्ञान का भण्डार है यहा ऐसे ऋषि मुनि ज्ञानी महापुरुष हुय है जिनके वचन अनमोल है, जिनके विचार अनमोल है उनके सुविचार उनके कथन (Motivation) कही न कही अब कही गुम होते जा रहे है. आज के नय भारत को इनकी बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है, बदलते हुय भारत में कुछ बदली हुई तस्वीर नजर आ रही है.





हम मानते है परिवर्तन ही संसार का नियम है, लेकिन संस्कार में परिवर्तन देश को गलत दिशा दिखा रहा है .इसलिय हमारी कोशिश है, भारत क्या है और इसे किसलिय जाना जाता है, उसकी छोटी सी झलक प्रस्तुत है आप इन अनमोल विचारो को (Good Morning Motivation SMS in Hindi) अपने मित्रो से शेयर जरुर करे –





सुप्रभात ज्ञान की बातें | Good Morning Motivation SMS in Hindi





हर घर एक विद्यालय है और माता-पिता शिक्षक।





बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अपने उत्साह को संरक्षित रखें।





अत्याचारी से बढ़कर अभागा व्यक्ति दूसरा नहीं, क्योंकि विपत्ति के समय कोई उसका मित्र नहीं होता ।





समर्थ होते हुए भी जो किसी का उपकार नहीं कर सकते, उनके जीवन को धिक्कार है – रघुवंश





नारी की उन्नति और अवनति पर ही राष्ट्र की उन्नति और अवनति निर्भर है ।





उस मनुष्य से गरीब कोई नहीं, जिसके पास सिर्फ पैसा होता है ।





जुआ किसका हुआ? जीते तो हाथ काला, हारे तो मुंह काला ।





कर्तव्य कठोर होता है, भाव प्रधान नहीं।





महान लेखक अपने पाठक का मित्र और शुभचिंतक होता है ।





मन के हारे हार है, मन के जीते जीत….।





सुप्रभात सुविचार हिंदी |





धन गया तो कुछ न गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया और चरित्र गया तो सब कुछ गया….।





ईश्वर के पश्चात हम सर्वाधिक ऋणि नारी के हैं ।





प्रथम तो जीवन के लिए फिर उसको जीवन योग्य बनाने के लिए…।





कबीरा संगत साधु की, ज्यों गंधी का बास।





जो कुछ गंधी दे नहीं, तो भी बास सुबास ।





कार्यकुशल आदमी के लिए यश और धन की कमी नहीं है ।





जल से पतला ज्ञान है, पाप भूमि से भारी ।





क्रोध अगन से तेज है, कलंक काजल से कारी ।।





अगर लगने लगे कि लक्ष्य हासिल नहीं हो पायेगा, तो लक्ष्य को नहीं अपने प्रयासों को बदलो ।





किसी भी व्यक्ति को ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए ।





सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं ।





खौलते हुए पानी में जिस तरह प्रतिबिम्ब नहीं देखा जा सकता है, उसी तरह क्रोध की स्थिति में सच को नहीं देखा जा सकता ।





विद्या एक अमूल्य निधि है, जो कभी नष्ट नहीं होती ।





दीन-दुखियों को दी जाने वाली सहायता ही दान है, सगे-संबंधियों को दी जाने वाली नहीं ।





स्वच्छ मन में उत्पन्न बुद्धि व प्रज्ञा व्यक्तित्व के सभी आयामों को प्रकाशित करती है ।





दूर्भावना को मैं मनुष्य का कलंक मानता हूँ- महात्मा गांधी





ऋषि पंचमी व्रत कथा|Rishi Panchami vrat katha| rishi panchami 2020









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