जो फंसा हो जीवन के मझधारों में
उसका भी उद्धार हो जाता है,
“गुरु” के चरणों में जाने से
सबका बेड़ा पार हो जाता है।।
बस इसी विषय ध्यान में रखते हुए सिवनी स्थित पतंजलि योग ध्यान साधना संस्थान सिवनी के तत्वाधान में गुरुपूर्णिमा महोत्सव 2021 आयोजीत होने जा रहा है।
गुरु व्यक्ति नहीं शक्ति है ।
शक्ति किसी भी रूप में रूपांतरित हो सकती है ।
गुरुपूर्णिमा महोत्सव दिनांक 24/7/2021 दिन शनिवार को प्रातः 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक योग भवन सी वी रमन वार्ड 12 पत्थर एसपी बंगले के पीछे आयोजित होने जा रहा है।
इस गुरु पूर्णिमा महोत्सव, पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन है।
विशेष ध्यान रखियेगा :-
सभी भक्तों से निवेदन है की प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मांस्क लगाए रखें एवं निश्चित दूरी बनाकर बैठे ।
अब गुरु के विषय मे कुछ जानें
गुरु की बात सुनकर मनुष्य भगवान में लग जाए तो ठीक है, पर वह गुरु में ही लग जाए तो बड़ी हानि की बात है। शिष्य को अपने में लगाने वाले गुरु नहीं होते। भगवान के समान हमारा हित चाहने वाला गुरु ही गुरु है। सच्चे गुरु अपना पूजन-ध्यान नहीं करवाते। परमात्मा का ही पूजन करवाते हैं। वह गीता, रामायण आदि ग्रंथों का सार बताकर आपको प्रभु से जोड़ते हैं।
जब आपको अपने भीतर से गुरु पर विश्वास आ जाए और आप अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर देने तक को तैयार हो जाएं तो गुरु कृपा आप पर बरस पड़ती है। सद्गुरु (परमात्मा) तो एक ही है, वह सदा है, रहेगा।
जो शरीर रूप में गुरु दिखाई दे रहा है, वह तो पोस्टमैन है। वह आपकी चिट्ठी उस तक पहुंचा देता है और उसका (परमात्मा) संदेश आप तक ले आता है। धरती पर विराजमान शरीर रूपी गुरु उस शक्ति से जुड़ा हुआ है, उसकी सांस में वह परमात्मा बसा हुआ है।
गुरु का बिम्ब समाज का प्रतिबिम्ब होता है। इसलिए गुरु को सदैव अपने कार्य-व्यवहार के प्रति सावधान रहना चाहिए। उसे अपने क्रिया-कलापों, कार्य-व्यापारों का मूल्यांकन समाज की आंखों से करना चाहिए।
शिक्षक समाज को भी अद्यतन परिवेश में अपने अन्तर्मन में चिंतन-मनन करना चाहिए, अपनी अन्तर्रात्मा की आवाज को सुनना चाहिए। राष्ट्रोत्थान, राष्ट्रोद्धार तभी संभव होगा जब गुरु अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पुन:स्थापित करें। मर्यादित आचरण करें, पुनीत दायित्व निर्वहन करते हुए मनसा, वाचा एवं कर्मणा के धरातल पर जीवनादर्श स्थापित करें ताकि स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र और स्वस्थ विश्व की कल्पना साकार हो सके।
तो आइये गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाएं।