भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पशुओं में फैल रही लंपी स्किन बीमारी से प्रदेश में पशुओं की मृत्यु ना हो। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएँ। बीमारी प्रभावित जिलों से लगे जिलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। साथ ही अन्य राज्यों से आ रहे पशुओं पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। लंपी बीमारी से बचाव (lumpy skin treatment) के लिए अधिक से अधिक पशुओं में आवश्यक टीकाकरण (lumpy skin disease vaccine) सुनिश्चित किया जाए। पशु पालकों को मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान लंपी स्किन बीमारी की प्रदेश में स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। निवास कार्यालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव किसान कल्य़ाण एवं कृषि विकास श्री अजीत केसरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पशुओं में लंपी बीमारी (lumpy skin) पर नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाए – मुख्यमंत्री श्री चौहान
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लंपी स्किन बीमारी (lumpy skin disease virus) गौ वंशीय और भैंस वंशीय पशुओं में वायरस से होती है। तेज बुखार आना, भूख न लगना, त्वचा पर गठाने और मुंह में छाले आना इसके प्रमुख लक्षण है। यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है।
रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, बैतूल, इन्दौर और खण्डवा में इस रोग की पुष्टि हुई है। धार, बुरहानपुर, झाबुआ में पशुओं में इस बीमारी के लक्षणों की सूचना प्राप्त हुई है। प्रदेश के दस जिलों में 2171 पशु इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 1717 पशु के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। अब तक 77 हजार 534 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
लंपी स्किन बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित ग्रामों और जिलों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। राज्य रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
बीमारी और उससे बचाव के संबंध में जागरूकता के लिए वेबीनार, मीटिंग और राज्य स्तरीय युवा संवाद किए जा रहे हैं। प्रदेश के संपूर्ण चिकित्सा अमले को अलर्ट मोड पर रखा गया है और केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।