लाल बहादुर शास्त्री जी भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे लाल बहादुर शास्त्री जी जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु 27 मई 1964 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुई उनकी मृत्यु के पश्चात लाल बहादुर शास्त्री जी को इस पद पर मनोनीत की गई शास्त्री जी द्वितीय प्रधानमंत्री बने परंतु उन्होंने आहेत जैसा शासन किया उनका स्वभाव शान्तबा उनका जीवन अत्यंत सादगी पूर्ण रहा शास्त्री जी संपूर्ण जीवन में जवाहरलाल नेहरू जी और महात्मा गांधी जी के आदर्शों पर चलते रहे शास्त्री जी ने भारत और पाकिस्तान के मध्य 1965 में युद्ध के दौरान भारत का अत्यंत सुचारू रूप से निर्देशन किया लाल बहादुर शास्त्री जी को भारत देश के सबसे बड़े वाह महत्वपूर्ण सम्मान ( भारत रत्न ) से सम्मानित किया गया
- नाम (Name) – लाल बहादुर शास्त्री ( Lal Bahadur Shastri )
- असली नाम (Nick name) – लाल बहादुर श्रीवास्तव
- जन्म (Birth Date) – 2 अक्टूबर 1904
- जन्म स्थान (Birth Place) – मुगलसराय, वाराणसी, उत्तरप्रदेश
- पिता का नाम (Father Name) – मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव
- माता का नाम (Mother Name) -राम दुलारी
- मृत्यु (Death) – 11 जनवरी 1966
- पत्नी का नाम (Wife Name) ललिता देवी
- बच्चे (Children) – 4 लड़के, 2 लड़कियां
- राजनैतिक पार्टी (Political Party) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संक्षिप्त जीवनी परिचय –
Lal Bahadur Shastri ji का जन्म 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था लाल बहादुर शास्त्री जी कायस्थ नमक परिवार में मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के घर जन्म लिए थे | उनके पिता जी प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक थे सभी उन्हें प्रेम से मुंशीजी कहते थे। कुछ समय बाद उन्होंने राजस्व विभाग में एक क्लर्क (लिपिक) के पद में नियुक्त हुए । लालबहादुर शास्त्री जी की माँ का नाम रामदुलारी था। उनके परिवार में लालबहादुर शास्त्री जी सबसे छोटे थे जिसके कारण उन्हें परिवार के सदस्य बड़े प्यार से नन्हें कहकर बुलाया करते थे। जब नन्हें महीने के हुए तब दुर्भाग्य से उनके पिता जी का निधन हो गया ।
और उनकी माँ रामदुलारी अपने पिता जी श्री हजारीलाल जी के घर मिर्ज़ापुर चली गयीं । फिर कुछ समय के बाद उन्हें पता चला की उनके नाना जी भी नहीं रहे। Lal Bahadur Shastri ji के पिता जी के निधन के बाद उनकी परवरिश उनके मौसा जी श्री रघुनाथ प्रसाद जी ने की | उसकी माँ का बहुत सहयोग किया। और उनके ननिहाल में ही रह कर ही उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की । और उसके बाद की शिक्षा ( हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ ) में की । व उन्हें शास्त्री की उपाधि काशी विद्यापीठ से मिली उसके बाद उन्होंने जन्म से चला आ रहा जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव को हमेशा के लिये छोड़ दिया | और उन्होंने अपने नाम के आगे ‘शास्त्री’ लगा लिया | तब से शास्त्री शब्द लालबहादुर शास्त्री जी के नाम का पर्याय ही बन गया।
Lal Bahadur Shastri ji का विवाह 1928 में मिर्जापुर की निवासी गणेशप्रसाद जी की पुत्री ललिता जी से हुआ। ललिता जी और शास्त्रीजी की छ: सन्तानें हुईं, दो पुत्रियाँ ( कुसुम व सुमन ) और चार पुत्र ( हरिकृष्ण, अनिल, सुनील व अशोक ) हें। उनके चार पुत्रों में से दो जीवित है ( अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री ) | व दो दिवंगत हो चुके हैं। अनिल शास्त्री जी कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं और सुनील शास्त्री जी भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।
लाल बहादुर शास्त्री जी की राजनितिक यात्रा ( Political journey of Lal Bahadur Shastri)
1928 में :- महात्मा गांधी जी के आह्वान पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए।
1929 में :- इलाहाबाद जिला कांग्रेस पार्टी में कमेटी के सचिव बने।
1935-37 में :- यूपी प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में चुने गए।
1937 में :- यूपी विधानसभा के सद्स्य के रूप में चुने गए और यूपी संसदीय बोर्ड के आयोजन सचिव बने।
1947 में :- उत्तर प्रदेश विधानसभा के संसदीय सचिव बने और 15 अगस्त को तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने उन्हें पुलिस और परिवहन मंत्री नियुक्त किये गए।
1951 में :- तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में नियुक्त किये गये ।
1952 में :- Soraon उत्तर सह-फुलपुर पश्चिम सीट से एक विधायक बने और 13 मई को, भारत गणराज्य के पहले रेल मंत्री बन गये ।
1957 में :- पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फिर से लाल बहादुर शास्त्री को मंत्रिमंडल में परिवहन और संचार मंत्री के रूप में नियुक्त किये गये ।
1958 में :- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रभारी के रूप में नियुक्त किये गये ।
1961 में :- पंडित जीबी पंत की मृत्यु के बाद वह गृह मंत्री बने।
1964 में :- 9 जून को, वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने और उन्होंने वर्ष 1966 तक कार्य किया था ।