राज्य सरकार वैक्सीन को लेकर कर रही है राजनीति, 11 लाख से अधिक डोज बर्बाद, जनता से मांगें माफी: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन (Colonel Rajyavardhan) ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे के विकास के बजाय विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. कोरोना काल में केंद्र सरकार ने ही काम किया है, राज्य सरकार ने तो स्वास्थ्य बजट के करोड़ो रुपये सिर्फ सिर्फ बड़े-बड़े विज्ञापन और होर्डिंग्स पर ही खर्च किए हैं, अगर ये करोड़ो रुपये ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए खर्च किए होते तो कई लोगों की जान बच जाती, राजस्थान सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
उन्होंने टीकाकरण पर भी राज्य सरकार द्वारा राजनीति करने का आरोप लगाया. कर्नल राज्यवर्धन ने गुरुवार को झोटवाड़ा और फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में जोबनेर, फुलेरा, सांभर और नरेना स्थित कोविड केयर सेन्टर्स का निरिक्षण किया और चिकित्सा उपकरण दिए. उन्होंने चिकित्साकर्मियों का उत्साहवर्धन करते हुए कोरोनाकाल में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की. फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत भी उनके साथ रहे.
पत्रकारों से संवाद करते हुए कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीनेशन पर तेज गति से कार्य कर रही है और भारत में अभी तक 20 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, इतनी तो कई देशों की जनसंख्या भी नही है. यह समय राजनीति करने का नहीं है लेकिन राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर सिर्फ राजनीति कर अराजकता की स्थिति बनाने का प्रयास कर रही है. राज्यों के पास लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक वैक्सीन पड़ी हुई है और राजस्थान में तो वैक्सीन की 11 लाख से अधिक डोज बरबाद हो चुकी है.
कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ग्रामीण राजस्थान को बिल्कुल ही नज़रअंदाज कर दिया है. पूरे राजस्थान में लगभग 650 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जो ग्रामीण जनता की सेवा कर रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना की लहर आने के बाद से उसमें एक भी पैसा खर्च नहीं किया. आंकड़ों को छुपाने का भी यही कारण है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास 1 करोड़ 58 लाख रुपये खर्च करने के लिए थे लेकिन सरकार ने ग्रामीण राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था के लिए कुछ भी खर्च नहीं किया. अब राज्य सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए कोरोना टेस्ट कम कर दिए, जिससे आंकड़ों में कमी दिखा सकें. राज्य सरकार 45 दिनों में होने वाली लैब टेक्नीशियन व सहायक रेडियोग्राफर भर्ती 11 महीने बाद भी पूरी नहीं कर सकी और सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती भी भूल गई. चिरंजीवी योजना भी जनता के साथ छलावा है. इस योजना के अंतर्गत निजी अस्पताल लोगों का इलाज ही नहीं कर रहे हैं. राज्य सरकार ने प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना को भी बंद कर दिया.
गौरतलब है कि कर्नल राज्यवर्धन ने जयपुर ग्रामीण में तैयार किए गए 13 कोविड सेन्टरों को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी ली है और इसी के तहत उन्होंने प्रशासन को 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, सेनिटाइजर और ग्लब्स सहित विभिन्न चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाए हैं, जिनमें से गुरुवार को जोबनेर, फुलेरा, सांभर और नरैना स्थित कोविड केयर सेन्टर्स पर 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 100 पीपीई किट, सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरण पहुंचाए गए. कर्नल राज्यवर्धन लगातार प्रशासन और चिकित्सकों से संपर्क में रहते हुए आवश्यकता अनुसार सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं.
विशाल बैरिस्टो, संवाददाता
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