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प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में केवल बैंक से मात्र 253 ही स्वीकृत हुए

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मण्डला में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में द्वारा गुमटी संचालकों को एवं सड़क किनारे अपनी अस्थाई दुकान चलाने वालों के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत मंडला नगरपालिका क्षेत्र से 1378 पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाना है। लेकिन शुरूआती दौर में योजना फेल होती नजर आ रही है।





इसका सबसे प्रमुख कारण





यह है कि पर्याप्त प्रचार प्रसार के अभाव में इस योजना की नगरपालिका क्षेत्र के अधिकांश लोगों को है ही नहीं। वहीं पात्र हितग्राही बैंक में भी भटकने को मजबूर हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, नगरीय क्षेत्र में अस्थाई दुकान लगाकर अपनी आजीविका चलाने वालों की संख्या लगभग 3500 है। लेकिन मात्र 1900 लोगों ने ही इस योजना का लाभ पाने के लिए अपना पंजीयन कराया है।





वार्ड पाषर्दों ने किया गुपचुप पंजीयन





सूत्रों के मुताबिक, इन पंजीकृत लोगों में भी अधिकांश को वार्ड पार्षदों ने योजना का लाभ दिलाने के लिए गुपचुप तरीके से पंजीयन कराया है।
सूत्रों के मुताबिक इस योजना का पर्याप्त प्रचार प्रसार इसीलिए नहीं कराया गया ताकि नगरपालिका से संबंधित लोग अपने ही जान पहचान के लोगों को इस योजना का लाभ अप्रत्यक्ष रूप से दिलवा सकें। यही कारण है कि नगरपालिका क्षेत्र में मात्र 1900 लोगों ने ही इस योजना के लिए अपना पंजीयन कराया है।





कुछ को ही जानकारी





नगरीय क्षेत्र के अस्थाई दुकानदारों ने बताया कि हर अस्थाई दुकानदार और फेरीवाले का सपना होता है कि भले ही छोटा लेकिन उनका पक्का स्थाई ठीहा हो जहां से वे अपनी आजीविका चला सकें। गौरतलब है कि नगरीय क्षेत्र में सड़क किनारे अस्थाई दुकानें लगाकर अपनी रोजी रोटी चलाने वालों में साइकल पंचर बनाने वाले, लुहार, दर्जी, कुम्हार, मास्क, बेल्ट, चश्मा, टोपी, गमछा, तिरपाल, पन्नी, जूते, चप्पल, सब्जी, अंडे, चाय-नाश्ता, रसोई के छुटपुट सामान के विके्रताओं की संख्या लगभग 3500 है। जो पूरे नगरीय क्षेत्र में कहीं सड़क किनारे, तो कहीं बीच सड़क पर, कॉलोनियों, बस्तियों में ठेलों आदि पर अस्थाई दुकानें चला रहे हैं।





इससे एक ओर यातायात बाधित हो रहा है तो दूसरी ओर व्यवस्थाएं भी बाधित हो रही हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं में सुधार करने के साथ साथ स्थाई गुमटियों का लाभ देने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना शुुरू की गई है लेकिन नगरीय क्षेत्र में यह योजना फेल होती नजर आ रही है।





1464 को प्रमाणपत्र





विभागीय आंकड़े बता रहे है कि नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना का लाभ पाने के लिए अब तक 1900 लोगों ने अपना पंजीयन कराया है। इनमें से 1464 को नगर पालिका द्वारा स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। उक्त हितग्राहियों में से बैंक द्वारा 253 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं। इन स्वीकृत प्रकरणों में भी योजना का लाभ पाने वालों को बैंक के चक्कर लगाते हुए भटकना पड़ रहा है क्योंकि आवश्यक दस्तावेज संग्रहण में ही उन्हें कई दिनों तक अपनी दुकानें बंद करके कभी एक दफ्तर तो कभी दूसरे दफ्तर परेशान होना पड़ रहा है।
खास बात यह है कि योजना का लाभ पाने वाले हितग्राहियों के पास स्मार्ट फोन होना आवश्यक है जिसमें मैसेज पहुंचाया जाता है। यही शर्त हितग्राहियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।


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