प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर Dedicated Freight Corridor के न्यू भाऊपुर – न्यू खुर्जा सेक्शन का किया उदघाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर Dedicated Freight Corridor के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन’ का उद्घाटन किया। ये शुरुआत इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इस गलियारे के बन जाने से जहाँ एक ओर देश में पहली बार मालगाड़ियां टाइम टेबल से चलेंगी, माल परिवहन की लागत कम होगी, साथ ही इससे स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री की सौगात Dedicated Freight Corridor
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने वाली पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा’ सेक्शन और फ्रेट कॉरिडोर के ही ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने के रास्ते की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन connectivity देश की प्रथामिकता है। उन्होंने कहा कि ये Freight Corridor आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस Dedicated Freight Corridor का लाभ किसान रेल को भी होने वाला है। सोमवार को ही देश में सौवीं किसान रेल की शुरुआत की गई है।
राजनीतिक उदासीनता का नुकसान सिर्फ Dedicated Freight Corridor उठाना पड़ा
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश के विकास को लेकर पिछली यूपीए सरकार के द्वारा बरती गई उदासीनता और ढ़ीली ढाली कार्य संस्कृति को भी आड़े हाथों लिया. दरअसल साल 2006 में ही फ्रेट corridor से जुड़े प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी गई थी। लेकिन साल 2014 तक एक किलोमीटर track भी नहीं बिछ पाया। पीएम मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर राजनीतिक उदासीनता का नुकसान सिर्फ फ्रेट कॉरिडोर Dedicated Freight Corridor को ही नहीं उठाना पड़ा। पूरा रेलवे से जुड़ा सिस्टम ही इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी रहा है।
पीएम बाइट :
( साथियों,2014 में सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया। अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के लिए कहा गया, तो बजट करीब 11 गुणा यानि 45 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक बढ़ गया। प्रगति की बैठकों में मैंने खुद इसकी monitoring की, इससे जुड़े stakeholders से संवाद किया, समीक्षा की। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से भी संपर्क बढ़ाया, उन्हें प्रेरित-प्रोत्साहित किया। हम नई technology भी लाए। इसी का परिणाम है कि करीब 1100 किलोमीटर का काम अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा। सोचिए, 8 साल में एक भी किलोमीटर नहीं, और 6-7 साल में 1100 किलोमीटर।)
पीएम मोदी ने ये भी कहा
देश के infrastructure के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनों और आंदोलनों के दौरान रेल्वे सहित देश की अन्य सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाली मानसिकता से भी बचने की अपील की.
पिछली सरकारों के कार्यकाल में रेल्वे ऐलान करके भूल जाने वाली राजनीति का भुक्तभोगी रहा है. मोदी सरकार ने साल 2014 के बाद इस कार्यशैली और सोच को बदला. बीते सालों में रेलवे में हर स्तर पर रिफॉर्म्स किए गए हैं। रेलवे में स्वच्छता हो, बेहतर खाना-पीना हो या फिर दूसरी सुविधाएं, फर्क आज साफ नज़र आता है।रेल्वे में निवेश किया गया. रेलवे नेटवर्क को हजारों मानवरहित फाटकों से मुक्त किया। रेल नेटवर्क के चौड़ीकरण और बिजलीकरण दोनों पर focus किया। इसी तरह, रेलवे से जुड़ी manufacturing में भारत ने आत्मनिर्भरता की बहुत बड़ी छलांग लगाई है। भारत आधुनिक ट्रेनों का निर्माण अब अपने लिए भी कर रहा है और निर्यात भी कर रहा है।