Thursday, March 30, 2023

नेत्रदान पखवाडा 25 अगस्त से 8 सितम्बर 2020 तक

Must Read


‘‘मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेशराम द्वारा जानकारी दी गई कि 25 अगस्त से 8 सित्मबर 20 तक नेत्रदान पखवाडा आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत् जनजागरूता अभियान चला कर नेत्रदान के महत्व के बारे में लोगों में जनजागरूता पैदा करना तथा नेत्रहीन व्यक्ति को नेत्र दान किये जाने हेतु लोगों से अपनी ऑखें मृत्यु उपंरात दान करने की शपथ लेने के लिये प्रेरित करना है।





यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक दृष्टिीहीन न होने पाये और यदि है तो दृष्टिीहीन न रहने पाये। इसी उद्देश्य को लेकर दृष्टिहिनता कार्यक्रम के तहत बच्चों तथा प्रजनन आयु समुह में ऑखों की हॉर्निया, पुतली से नेत्रहीनता की रोकथाम के लिए प्रतिवर्ष “राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडा” 25 अगस्त से 08 सितम्बर 2020 को मनाया जाता है।





मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने बताया की कार्नियल अंन्धेपन के बचाव के लिए ऑखों की देखभाल बहुत जरूरी है। यह पाया गया की छोटे बच्चे अक्सर कार्नियल नेत्रहीनता के शिकार होते है। कार्निया नेत्रहीनता का उपचार केवल किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसकी ऑख के कार्निया को खराब कार्निया वाले मरीज की ऑख में लगा देने से हो सकता है। और उसकी ऑख की रोशनी वापस लायी जा सकती है उसका अंन्धापन दूर किया जा सकता है। इसे नेत्र प्रत्यारोपण भी कहते है।
उन्होंने बताया कि नेत्रदान सिर्फ मरणोपरान्त ही किया जाता है । किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार शोकाकुल होता है ऐसी मुशकिल घड़ी में नेत्रदान करना जटिल होता है ऐसे में समाज के लोग, समाज सेवी, अन्य प्रतिनिधि अहम भूमिका निभा सकते है। देश में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख कार्निया की जरूरत होती है। जबकि अज्ञानता एवं जागरूता के अभाव में मात्र 28 से 30 हजार कार्निया का ही प्रत्यारोपण किया जाता है। यह सुविधा छोटे जिलों में नहीं हो पाती। कार्निया के अंन्धेपन से रोकथाम के लिए नेत्र प्रत्यारोपण के साथ-साथ कार्निया से होने वाले नुकसान को बचाया जाना जरूरी है।
डॉ. मेशराम ने आँखों की सुरक्षा एवं बचाव के लिए सुझाव देते हुए बताया है कि 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को विटामिन ‘ए‘ का घोल पिलाना अति आवश्यक है साथ ही सभी बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराया जाना भी आवश्यक है। ऑखों को चोट लगने से बचाया जाए और बच्चों को नुकीली वस्तु न खेलने दे। ऑख में संक्रमण होने पर इसका जल्द से उपचार कराने के साथ नेत्र चिकित्सक की सलाह ले। यदि ऑखों में कुछ बाहरी कण या कचरा आदि पड़ जाऐ तो ऑखों को मले नहीं केवल साफ पानी से धोवें। फायदा न होने पर नेत्र चिकित्सक से जाँच करावे।
नेत्रदान करने के बारे में निम्नलिखित जानकारी होना जरूरी है:-
मनुष्य केवल अपनी मृत्यु के पश्चात ही नेत्रदान कर सकते है। नेत्रदान से केवल कार्निया से नेत्रहीन व्यक्ति ही लाभान्वित हो सकते है। कार्निया अंधापन दृष्टि के नुकसान कार्निया की छती जो कि ऑखों की अगली परत है के कारण ही होती है। कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी उम्र, लिंग, रक्त समूह, और धर्म का हो वह अपनी ऑखे दान कर सकता है। कार्निया को मृत्यु के 1 घन्टे के अंदर निकाला जाना चाहिए। नेत्र निकालने में केवल 10 से 15 मिनट लगते है तथा चेहरे पर कोई भी निशान एवं विकृति नहीं होती। दान की ऑखों को खरीदा या बेचा नहीं जाता है। इसलिए नेत्रदान करना चाहिए। पंजीकृत नेत्रदाता बनने के लिए अपने नजदीकी नेत्र बैकं से सम्पर्क करना चाहिए। नेत्रदान के लिए टोल फ्री नं0 1919 पर डायल करें


- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -
Latest News

World Tb Day : निश्चय मित्र योजना के अंतर्गत किया गया फूड बास्केट का वितरण

World Tb Day : माननीय MD NHM,राज्य छय अधिकारी,कलेक्टर महोदय सिवनी ,मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डा.राजेश श्रीवास्तव के...
- Advertisement -

More Articles Like This

- Advertisement -
%d bloggers like this: