जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी के द्वारा एक स्कीम की घोषणा की गई है जम्मू कश्मीर के लिए न्यू इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम जिससे जम्मू कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा उद्योग की संख्या में बढ़ोतरी हो सके और इन्वेस्टमेंट ज्यादा हो जिससे रोजगार ज्यादा उपलब्ध हो । इसलिए यह स्कीम जम्मू-कश्मीर में लाई गई है और यह 16 साल की स्कीम है अर्थात यह 16 साल तक चलेगी 2036 -2037 तक के लिए जम्मू कश्मीर को यह बड़ा तोहफा दिया गया है कि औद्योगिक विकास के लिए 28,400 करोड रुपए के पैकेज की घोषणा की गई है
औद्योगिक से संबंधित कोई भी अंतिम निर्णय केबिनेट कमिटी ऑफ इकोनामिक अफेयर्स के द्वारा लिया जाता है जिसके हेड होते हैं प्प्रधानमंत्री और यह स्कीम केबिनेट कमिटी ऑफ इकोनामिक अफेयर्स के द्वारा aproved कर ली गई है इस स्कीम का प्रपोजल डी पी आई आई टी के द्वारा रखा गया था (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इन्वेस्टमेंट) उनके द्वारा कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए ऐसी स्कीम लाना चाहते हैं और अब यह स्कीम लाकर इसे अप्रूवल दे दिया गया है
इस स्कीम में क्या है – यह स्कीम centre sector scheme है । अर्थात इस की फंडिंग और इंप्लीमेंटेशन दोनों ही केंद्र द्वारा दी जाएगी किया जाएगा इसका मेन उद्देश्य वहां पर रह रहे लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाना है ताकि जय हो विकास हो सके.
2019 में जम्मू और कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 लाया गया था जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित किया था और लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था । यह स्कीम इसके मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेगी। इसमें रोजगार दिया जाएगा साथ ही स्किल डेवलपमेंट होगा और सस्टेनेबल डेवलपमेंट हो सके इसलिए यह स्कीम भी लाई गई है ।
उद्योग को दी जाने वाली इंसेंटिव- कैपिटल इन्वेस्टमेंट इन इंसेंटिव– कंपनी के प्लांट और मशीन में जो भी खर्चा होगा तो ज़ोन A अंदर 30 परसेंट और जॉन बी के अंदर 50 परसेंट की छूट दी जाएगी ।
कोई व्यक्ति अगर जम्मू कश्मीर में कंपनी स्थापित करता है तो उसे 6 परसेंट के सालाना ब्याज दर पर अगले 7 साल के लिए ,500 करोड़ के लोन तक दिया जाएगा।
ऐसी कंपनी जो पहले से ही जम्मू-कश्मीर में स्थापित है उन्हें अगले 5 साल के लिए 5 परसेंट तक का एक करोड़ तक के लोन पर छूट दी जाएगी।
स्कीम की विशेषताएं – इसमें छोटे उद्योग और बड़े उद्योग दोनों को ही फायदा होगा। यह केंद्र सरकार द्वारा ऐसी पहली स्कीम है जिसका फायदा ब्लॉक लेवल तक पहुंचाना उनका मुख्य उद्देश्य है और इसे जीएसटी से भी लिंक कर दिया गया है।इस स्कीम में ज्यादा से ज्यादा भूमिका जम्मू-कश्मीर की ही होगी ना कि केंद्र सरकार की। इसमें केंद्र सरकार कम ही दखल देगी