Saturday, March 25, 2023

जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य जयंती | जीवन परिचय | Swami Ramananda Jayanti 14 January 2023

Must Read

 Swami Ramanand ji का जन्म माघ माह की सप्तमी को ईस्वी में सन् 1299 को प्रयाग के कान्यकुब्ज में हुआ था स्वामी रामानन्द जी ब्राह्मण कुल में जन्मे थे श्री रामानंद जी के पिता जी का नाम पुण्यसदन शर्मा जी था तथा माता का नाम सुशीलादेवी जी था । 

Swami Ramanand ji

Swami Ramanand ji का वशिष्ठ गोत्र में उच्य कुल में जन्म होने के कारण वाराणसी के एक कुलपुरोहित की मान्यता अनुसार जन्म के तीन वर्ष तक उन्हें घर से बाहर निकलने अनुमति नहीं थी और एक वर्ष तक आईना दिखाने की अनुमति नही थी । जहां स्वामी रामानन्द जी का जन्म हुआ था उस स्थान को वर्तमान में श्री मठ प्राकट्य धाम के नाम से जाना जाता है।

स्वामी रामानन्द जी  का जीवन परिचय ( Life introduction of Swami Ramanand ji )

नाम – रामानंद या स्वामी रामानंदाचार्य जी (Swami Ramanand ji)

जन्म – 1299 ई. में

जन्मस्थान – प्रयागराज (इलाहाबाद)

माता का नाम – सुशीला देवी

पिता का नाम – पुण्य सदन शर्मा

मृत्यु – 1411

गुरू – राघवानन्द

सम्प्रदाय – रामावत सम्प्रदाय ( रामानंदी सम्प्रदाय ) व श्री सम्प्रदाय

कार्यक्षेत्र – बनारस

रामानन्द या रामानंदाचार्य जी  के गुरू का नाम “राघवानन्द” था. 

 रामानंद की दीक्षा : 

Swami Ramanand ji का आठ वर्ष की उम्र में ही उपनयन संस्कार हो गया था जिस के पश्चात उन्होंने वाराणसी पंच गंगाघाट के स्वामी राघवानंदाचार्यजी से दीक्षा प्राप्त की थी । तपस्या और ज्ञानार्जन के बाद बड़े-बड़े साधु तथा विद्वानों पर उनके ज्ञान का प्रभाव दिखने लग गया था । इस कारण मुमुक्षु लोग भी अपनी तृष्णा शांत करने हेतु उनके पास आने लग गये ।

 प्रमुख शिष्य : स्वामी रामानंदाचार्य जी के कुल 12 शिष्य थे: जो मुख्य : इस प्रकार है  


1. संत अनंतानंद, 

2. संत सुखानंद,

 3. सुरासुरानंद , 

4. नरहरीयानंद, 

5. योगानंद, 

6. पिपानंद,

 7. संत कबीरदास,

 8. संत सेजान्हावी, 

9. संत धन्ना, 

10. संत रविदास, 

11. पद्मावती और 

12. संत सुरसरी।

रचनाएं

Swami Ramanand ji ने अनेक ग्रंथ लिखे थे। जिनमें से कुछ प्रमुख्य है श्रीवैष्णव मताव्ज भास्कर, श्रीरामार्चन-पद्धति । इसके अलावा गीताभाष्य, उपनिषद-भाष्य,आनन्दभाष्य, सिद्धान्त-पटल, रामरक्षास्तोत्र, योग चिन्तामणि, रामाराधनम्, वेदान्त-विचार, रामानन्दादेश, ज्ञान-तिलक, ग्यान-लीला, आत्मबोध राम मन्त्र जोग ग्रन्थ, कुछ फुटकर हिन्दी पद और अध्यात्म रामायण भी सामिल किये जाते है।

Swami Ramanand ji प्रथम भक्ति संत थे । जिन्होंने “हिंदी भाषा ( Hindi Language )” को पाने मत के प्रचार का माध्यम बना कर भक्ति आन्दोलन को एक जनाधार दिया । इनका मानना था कि –

 “जाति-पाति पूछे न को कोई, 

 हरि को भजे सो हरि का होई.” 


 रामानन्द जी के शिष्य  (Ramanand ji Ke Shishya) 

 Swami Ramanand ji ने जाति प्रथा का विरोध करते हुए उन्होंने सभी जातियो के लोगों को अपना शिष्य बनाया और सामान्य रूप से सभी को शिक्षा दी . रामानन्द जी के कुछ बारह शिष्य थे जो इस प्रकार हें .

धन्ना (जाट)

सेनदास ( नाई)

रैदास (चर्मकार)

कबीर (जुलाहा)

पीपा (राजपूत)

भवानन्द

सुखानन्द

सुरानन्द

परमानन्द

महानन्द

पद्मावती (महिला)

सुरसरी (महिला)

इनमें से कुछ मुख्य: ग्रन्थ में संकलितबीर है, रैदास, सेनदास तथा पीपा के उपदेश आदि है. : Swami Ramanand ji मृत्यु के बाद कुछ उनके विचारों से आकर्षित होकर उनके शिष्य बने . रामानंदाचार्य जी ने स्त्रियों की दयनीय स्थिति को ऊपर उठाने का प्रयास किया . वे प्रथम भक्ति सुधारक थे जिन्होंने ईश्वर की आराधना का द्वार महिलाओं के लिए भी खोल दिया तथा महिलाओं को अपने शिष्यों के रूप में स्वीकार किया और उनको भी सामान्य रूप से शिक्षा दी .

रामानंदाचार्य जी की मृत्यु | Ramanand Death : 


निधन : Swami Ramanand ji की धार्मिक परंपरा और संप्रदाय के अनुसार उन्होंने  सन् 1410 ईस्वी में देह त्याग दिया था ।

रामानंदाचार्य जी की मृत्यु 1411 ई. में हुई थी . रामानंदाचार्य जी की मृत्यु के बाद उनके अनुयायी दो वर्गो में विभक्त हो गये जो इस प्रकार है  –

रूढ़वादी

सुधारवादी

रूढ़िवादी वर्ग का नेतृत्व तुलसीदास जी ने किया तथा सुधारवादी वर्ग का नेतृत्व कबीर दास जी ने किया था ।

शंकराचार्य जी की तरह पदवी : 

 उनके देह त्याग के बाद से वैष्ण्व पंथियों में जगद्‍गुरु Swami Ramanand ji पद पर ‘रामानंदाचार्य जी की पदवी को आसीन किया जाने लगा । जैसे शंकराचार्य जी एक उपाधि है, उसी तरह रामानंदाचार्य जी की गद्दी पर बैठने वाले को इसी उपाधि से विभूषित किया जाता है । दक्षिण भारत के लिए श्रीक्षेत्र नाणिज को वैष्णव पीठ रूप में घोषित कर इसका नाम ‘जगद्‍गुरु रामानंदाचार्य पीठ, नणिजधाम’ रखा गया है।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -
Latest News

World Tb Day : निश्चय मित्र योजना के अंतर्गत किया गया फूड बास्केट का वितरण

World Tb Day : माननीय MD NHM,राज्य छय अधिकारी,कलेक्टर महोदय सिवनी ,मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डा.राजेश श्रीवास्तव के...
- Advertisement -

More Articles Like This

- Advertisement -
%d bloggers like this: