Desh ki khabar : दीवाली पर चीन को मिलेगा एक और झटका, चाइनीज लाइटों की जगह बाजार में गोबर से बने दीए (gobar ke diye) लाने की तैयारी, बॉर्डर पर तनाव के बीच भारत अपने पड़ोसी देश चीन को दिवाली पर एक और झटका देने की तैयारी में है। दिवाली पर खूब बिकने वाले चाइनीज दिए के मार्केट को तोड़ने की कोशिश चल रही है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अगले महीने दिवाली के दौरान गाय के गोबर से बने 33 करोड़ पर्यावरण के अनुकूल दीयों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, ताकि चीनी उत्पादों का मुकाबला किया जा सके।
गोबर आधारित उत्पादों (Gobar ke diye) राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने सोमवार को कहा चीनी निर्मित दीया को खारिज करते हुए कहा है कि यह अभियान प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा। देश में मवेशियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए 2019 में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गठित किया गया था, जो कि अभ आगामी त्योहारों के दौरान गोबर आधारित उत्पादों ( gobar ke diye) के उपगोय को प्रोत्साहित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि 15 से अधिक राज्य इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 3 लाख दीये पवित्र शहर अयोध्या में जलाए जाएंगे, जबकि वाराणसी में एक लाख दीए जलाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि दीयों का निर्माण शुरू हो गया है और हम दिवाली से पहले 33 करोड़ दीयों के प्रोडक्शन की टारगेट रखे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन लगभग 192 करोड़ किलो गोबर का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि गोबर आधारित उत्पादों में बड़ी संभावनाएं हैं। दीयों के अलावा, आयेग गोबर, मूत्र और दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे कि एंटी-रेडिएशन चिप, पेपर वेट, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों, अगरबत्ती, मोमबत्तियों और अन्य चीजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। कथीरिया ने कहा कि इससे गौशालयों को मदद मिलेगी, जो वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण वित्तिय मुसीबत में हैं। इससे ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी।
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