नगर नैनपुर तीन जिला की सीमा से लगा हुआ है जितनी सेवा कम ससाधन में दे रहा है उतनी ही समस्याओं का ग्राफ इस नगर को झेलना पड़ रहा है आवारा कुते जानवर खुद चोटिल हो रहे है साथ मे राहगीर को मार रहे है गत रात्रि 1 चार चके की गाड़ी को काली गाय दिख नही पाई नतीजा खतरनाक हुआ मौके पर बुरी तरह गो माता चोटिल हो गई दोनों पैर,सींग,टूट गए और पेट मे भी चोट थी देर रात्रि बड़ी सँख्या में नगर के गो सेवक खबर पर पहुँचे गो को सड़क से किनारे किया गया जो जैसा अनुभव वाला था इलाज मौके पर किया गया।
बड़ा सवाल ये है क्या
वीटनरी और नगर पालिका की सेवा 10 से 8 तक होती है।न नगर पालिका से गाड़ी मिल पाई न वीटनरी का अमला आया।गलती किस की है वो तो जानवर है मालिक सड़क पर छोड दे या पालिका उचित कार्यवाही न करें।।तो घटना तो तय है।देर रात में दोनो विभाग की सेवाओ को विराम लग जाता है एक मूक गो माता जिसे हम माँ का दर्जा देते है उसकी करुण मौत होते देख उग्रता मन मे स्वभाविक है
यदि सेवा है और वो न मिले तो,प्रश्न तो छूटेंगे ही।?????????

देर रात 12 बजे से 2 बजे तक गो सेवको ने सेवा दी अल सुबह 9 बजे गो माता ने दम तोड़ दिया व्यवस्था मैदान से गायब है। घटना का समय निश्चित नही है सेवा मिलती नही फिर यही से टकराहट होती है स्थानीय अमला नैनपुर का विटनरी में मोटी पगार लेकर अमला आत्मा को भी मार कर चुका है जहाँ इन को एक मूक पशु की करुण वेदना नही सुनाई आती और नींद जरूरी है। रात में होने वाले घटनाओं के बाद पशु अमले की बाधित सेवाओ पर भी मण्डला जिला अधिकारी से मोबाईल पर बात हुई पूरी बात बताई गई जिस पे आप ने सेवा बाधित न हो बोला है दवाओं का स्टॉक भी पर्याप्त नही है विभाग में । न स्टाफ।।
गो सेवकों के एक दल मण्डला कलेक्टर से मिलने गया
जब आकस्मिक घटनाओं में जरूरत होती है तो भी बड़ी मुश्किल से अमला सेवा देता है।।इस से गो सेवको में उग्रता आ रही है एस डी एम महोदय को पूरी जानकारी दी जा चुकी है। मण्डला जिला कलेक्टर हर्षिका जी से भी 1 गो सेवको का प्रतिनिधि मंडल मिलने जाने वाला है, जो व्यवहारिक समस्या को रेखांकित करते हुए कलेक्टर मेडम के पटल पर रखेगा।नगर पालिका से भी गो सेवको ने कहा है रात के वक्त घटना का समय नही होते कोई बड़े जानवर चोटिल हो या मर जाते है दूसरी घटना न हो मौके से तुरंत उठाना पड़ता है इस लिए जो गाड़ी आई है पशु वाली वो सेवा दे महज चालक नही आ पा रहा रात को ये कह कर सेवा बाधित कर दी जाती है जबकि गो सेवक जरूरत से ज्यादा आ जाते है सेवा देने।।अल सुबह कचरा गाडी।नगर पालिका ने जरूर दी जब गो मर गई।।साधु वाद पालिका प्रशासन को। गो माता के जिंदा रहते भी यदि सेवा में इजाफा हो जाये।।तो मूक माँ को बचाया जा सकता है
श्री दीपक शर्मा जी के अनुसार बहरहाल सेवा मैदान में नदारद है तो गो सेवक बजंरग दल के कार्य कर्ता नाराज बताये जा रहे है।।और आरोप के घेरे में वीटनरी और नगर पालिका है।।100 और पुलिस का अमला आ जाता है मौके पर उन ने भी व्यवहारिक कठिनता को हमारे साथ साझा किया।100 वाहन तक विटनरी अमले के घर जाती है दवाओं को दे दिया जाता है पर आता कोई नही है।ये तो हाल है।