जनहित में राज्य सरकार के बड़े फैसले मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 प्रलोभन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर महिलाओं, बेटियों, विशेषकर नाबालिक बेटियों, अनुसूचित जाति, जनजाति के भाई-बहनों का नियम विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें न्यूनतम 2 वर्ष से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया जा सकता है। लोभ, लालच, भय, प्रलोभन, परिचय छिपाकर धर्म परिवर्तन कराने या कुत्सितइरादों से धर्मांतरण कराने पर दण्ड दिया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020
ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश में हो रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अपना धर्म छिपाकर या गलत व्याख्या कर धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम विरुद्ध दो या अधिक व्यक्तियों का एक ही समय में सामूहिक धर्म परिवर्तन किये जाने पर न्यूनतम पांच वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम एक लाख रुपये का अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस व्यक्ति का धर्म परिवर्तन अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध किया गया है उसके माता-पिता, भाई-बहन इसकी शिकायत पुलिस थाने में कर सकेंगे। पीड़ित व्यक्ति के अन्य सगे संबंधी, कानूनी अभिभावक और दत्तक के संरक्षक भी परिवाद के माध्यम से सक्षम न्यायालय से आदेश प्राप्त कर सकेंगे। प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किए गए अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। उनकी सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय ही अधिकृत होगा। यह अध्यादेश राज्यपाल को भेजा जा रहा है।
यह भी देखे : शिवराज सरकार ने दी ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को मंजूरी