रीवा (श्री राम दूत) एच एल विश्वकर्मा: कुछ महीने पहले एलपीजी सिलेंडर रिफिल हो जाया करते थे मात्र ₹500 से ₹600 में। और तो और सरकार की तरफ से अच्छी सब्सिडी जो कि ₹100 से लेकर ₹150 तक भी मिला करती थी। आज मध्यप्रदेश में सिलेंडर रिफिलिंग का दाम ₹1079 है और सब्सिडी के नाम पर सरकार से मात्र ₹5 से ₹7 तक ही लौटता है। जिले में सारी एलपीजी गैस सिलेंडर एजेंसी के हॉकर उपभोक्ताओं से वसूलते है सिलेंडर रिफिलिंग के दाम से रुपए 30 से 50 ज्यादा। यदि उपभोक्ता स्वयं ऑनलाइन सिलेंडर रिफिलिंग का भुगतान भी करता है तो उसमें सिलेंडर को होम डिलीवरी करने का चार्ज भी शामिल होता है किंतु असल में ना तो हर डिलीवरी ब्वॉय डोर टू डोर जाकर सिलेंडर डिलीवर करता है वह किसी एक एरिया के किसी एक पॉइंट पर खड़ा रहता है वहां तक उपभोक्ता को खुद ही रिफिल कराने सिलेंडर लेकर जाना पड़ता है। हमने तो डिलीवरी चार्ज भी भुगतान किया है उसके बाद भी उपभोक्ता को अपने अन्य आवश्यक कार्य छोड़कर सिलेंडर लेने जाना पड़ता है बात यहीं खत्म नहीं होती वहां जाकर हॉकर / डिलीवरी ब्वॉय द्वारा अतिरिक्त पैसों की मांग की जाती है हर एलपीजी कंजूमर परेशान है किंतु यह सोच कर की 40-50 रुपए में क्या होता है उपभोक्ता दे देता है और इस बात को लेकर संतुष्ट हो जाता है की समय पर उसे सिलेंडर मिल गया और कभी-कभी तो डिलीवरी बॉय अपनी गरीबी का हवाला देकर भी अतिरिक्त पैसे ले जाता है। इस महंगाई में मध्यमवर्गीय तक के नागरिक इस भार को तो सह सकते हैं किंतु जो गरीब है और उनमें से कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना से गैस सिलेंडर तो प्राप्त कर लिया किंतु सिलेंडर रिफिल का पूर्ण और उससे अधिक भुगतान करना पड़ता है उन्हें। राज्य में ऐसी स्थिति भी देखी गई है जिसमें महिला सड़कों पर जो कि एलपीजी रिफिल करवाने हेतु सिलेंडर को अपने पैरों और हाथों से धक्का दे दे कर गैस एजेंसी तक ले जाती है और उन्हें भी अतिरिक्त पैसा देने के बाद ही सिलेंडर दिया जाता है। इस महंगाई में ऐसे हालात हैं आज के परिवेश में एलपीजी सिलेंडर के बिना लोगों का जीवन यापन संभव नहीं है। उपभोक्ता परेशान और फिर भी प्रशासन मौन….
-SRDnews

