यूनाइटेड फोरम फार पावर इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स प्रदेश संयोजक के एस परिहार ने बताया कि इससे पहले 6 जनवरी को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थेलेकिन एन आर आई मीट के चलते यह स्थगित कर दी गई थी। और हमें आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के अंदर मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक कराई जाएगी, यह अवधि भी बीत गई। अब तक कोई बैठक नहीं हुई और न ही मांगों पर विचार किया गया। 45 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों, पांच हजार संविदा कर्मचारियों के बाद 70 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा सकती है। ये सभी कर्मचारी यूनाइटेड फोरम फार पावर
इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर कामबंद हड़ताल शुरू की हैं।कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लोगों को न तो नवीन बिजली कनेक्शन मिल सकेंगे और न ही फाल्ट सुधारे जा सकेंगे। आउटसोर्स कर्मचारियों के बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल आम जनता की और भी मुश्किलें बढ़ा सकती है।
रीवा (SRDnews) एच एल विश्वकर्मा: