मित्रों शुभप्रभातम कभी कभी हम रोड या मोहल्लों में चलते हुए कुछ आश्चर्य से भरी हुई पँक्ति देखते हैं जिसे देखकर अनजाने ही मन हास्य भाव आकर मन्द मन्द मुस्कान से भर जाता ही है।
आइये जाने कैसे-कैसे ये शब्द हमें आनन्द मगन करते हैं जानते हैं??
एक बार में बाल कटवाने के लिए नाई की दुकान गया वहां एक स्लोगन लिखा जिसे देख कर मेने मुस्कुराया
वह स्लोगन था
“हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं । “
आगे
हमारे मोहल्ले की लाइट और बल्ब क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ।
“आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा । “
मेरे पड़ोस में एक चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया,
“मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।”
मेरे शहर में एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ।
“यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।”
जब मेंने पंखा सुधरवाने इलेक्ट्रॉनिक समान की दुकान पर गया और वहां स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ।
“अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए ।”
रोड पर लगे ठेले को हम सभी जानते हैं उसने भी स्लोगन लिखा था।
“गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें”
हँसी और ठहाके मच गया जब मेरे मित्र
फल भंडार वाले के द्वारा कमाल का स्लोगन लिखा हुआ पढ़ते हैं ।
वहां लिखा था-
“आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे “
ठीक आगे
घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब का स्लोगन लिखा ..?
“भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें ।
- यहां तक कि श्री मान ज्योतिषी जी ने बोर्ड पर स्लोगन लिखवाया ..
“आइए .. मात्र 100 रुपए में अपनी ज़िंदगी के आने वाले एपिसोड देखिए ।”
बालों के तेल क़ी एक कंपनी ने हर प्रोडक्ट पर एक स्लोगन लिखा
“भगवान ही नहीं, हम भी बाल बाल बचाते हैं।”
इस प्रकार के स्लोगन पढ़कर जीवन मे अनजाने ही मुस्कान से भर जाता है। यदि आपके साथ ऐंसा हो तो हमे जरूर कमेंट कीजिये।